उत्तर प्रदेश में खेती को लेकर सरकार की सोच अब साफ और जमीन से जुड़ी हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाराबंकी में किसानों से संवाद करते हुए कहा कि अब कृषि से जुड़े फैसले सचिवालय में बैठकर नहीं, बल्कि सीधे किसानों के खेतों में जाकर लिए जाएंगे। सरकार की प्राथमिकता है कि योजनाएं सिर्फ कागजों तक न रहें, बल्कि उनका असर किसानों की आमदनी और जीवन में साफ दिखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रदेश की ताकत हैं और खेती उसकी रीढ़। अगर किसान मजबूत होगा, तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था अपने आप मजबूत होगी। इसी सोच के साथ सरकार खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है।
गांव-गांव पहुंचेगी खेती की सही जानकारी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने रबी सत्र के लिए किसानों की पाठशाला का शुभारंभ किया। यह पाठशालाएं गांवों में आयोजित होंगी, जहां किसानों को उन्नत बीज, फसल चयन, कीट नियंत्रण और आधुनिक खेती की तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सही समय पर सही जानकारी मिलना आज की खेती की सबसे बड़ी जरूरत है। जब किसान तकनीक और जानकारी से जुड़ता है, तो उसकी लागत कम होती है और उत्पादन बेहतर होता है। सरकार का उद्देश्य है कि किसान हर मौसम में समझदारी से खेती कर सके।
लखनऊ में बनेगा चौधरी चरण सिंह सीड्स पार्क
किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि लखनऊ में चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक आधुनिक सीड्स पार्क विकसित किया जाएगा।
इस सीड्स पार्क के जरिए किसानों को उनकी फसल और मौसम के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली और खराब बीज किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। सीड्स पार्क बनने से किसानों को भरोसेमंद बीज मिलेंगे, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
तकनीक से बदलेगी खेती की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान पहले ही अनाज, फल और सब्जी उत्पादन में देश में अग्रणी हैं। अब जरूरत है कि खेती को नई तकनीक और नवाचार से जोड़ा जाए।
सरकार अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के अनुसार बीज और खेती से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम कर रही है, ताकि किसान अपनी जमीन के हिसाब से बेहतर निर्णय ले सके।
एक एकड़ में 250 क्विंटल आलू बना प्रेरणा
कार्यक्रम के दौरान किसान रामसरन वर्मा की खेती खास चर्चा में रही। उन्होंने एक एकड़ जमीन में 250 क्विंटल आलू का उत्पादन कर यह साबित कर दिया कि सही तकनीक और मेहनत से खेती में बड़ा मुनाफा संभव है।
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे किसान पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा हैं।
किसानों ने केले, टमाटर और आलू की उन्नत खेती के अनुभव भी साझा किए और बताया कि वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने पर आमदनी में साफ बढ़ोतरी होती है।
खेत-किसान-कृषि: उत्तर प्रदेश की नई कृषि दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश बिल्कुल साफ है—खेती को लेकर फैसले अब जमीन की हकीकत देखकर लिए जाएंगे। उन्नत बीज, तकनीकी मार्गदर्शन और किसानों से सीधा संवाद सरकार की प्राथमिकता है।
सीड्स पार्क और किसानों की पाठशालाएं यह दिखाती हैं कि उत्तर प्रदेश अब खेती को केवल परंपरा नहीं, बल्कि भविष्य की ताकत के रूप में देख रहा है।
यह नई दिशा आने वाले समय में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी।


