भारत में खेती सिर्फ़ रोज़गार नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का हिस्सा है। देश के अन्नदाता जब समृद्ध होते हैं, तभी राष्ट्र मज़बूत बनता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2025 को नई योजना — “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” (Pradhan Mantri Dhan-Dhaanya Krishi Yojana) और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” (Self-Reliance in Pulses Mission) की शुरुआत की।
यह लॉन्च भारत की कृषि यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, एफपीओ और ग्रामीण नवाचार क्षेत्रों में ₹42,000 करोड़ से अधिक का निवेश शामिल है।
योजना का उद्देश्य: किसान को आत्मनिर्भर बनाना, न कि निर्भर
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य है — किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदलना।
यह योजना 36 उप-योजनाओं को जोड़ती है, जो 11 मंत्रालयों के सहयोग से चलाई जाएंगी। इसका फोकस विशेष रूप से आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) में तेज़ कृषि विकास सुनिश्चित करना है।
इसके साथ शुरू किया गया “Self-Reliance in Pulses Mission” भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम है, ताकि देश की बढ़ती मांग के बावजूद आयात पर निर्भरता कम हो सके।

₹42,000 करोड़ का ऐतिहासिक निवेश: ग्रामीण भारत के लिए नई ऊर्जा
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 1,100 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं से गांवों में कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, और गोदाम जैसी आधुनिक सुविधाएं तैयार होंगी।
इस निवेश से कृषि क्षेत्र में नई तकनीक, रोज़गार और उद्यमिता के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का विज़न: किसान ही “विकसित भारत” का आधार
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देशभर के किसानों, एफपीओ और पशुपालकों से सीधा संवाद किया।
उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब किसान आत्मनिर्भर होंगे। उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा —
“हमारा संकल्प है कि हर किसान के खेत में खुशहाली लाएं और गांवों को ‘विकसित भारत’ के मजबूत स्तंभ बनाएं।”
प्रधानमंत्री ने उन किसानों, एफपीओ और नवाचारकर्ताओं को भी सम्मानित किया जो कृषि में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।
किसानों के लिए राहत: उर्वरक, मशीनरी और एमएसपी में बड़ा सुधार
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए बताया कि
सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि वैश्विक स्तर पर उर्वरक के दाम बढ़ने के बावजूद भारतीय किसानों पर कोई बोझ न पड़े।
एक बोरी यूरिया अब भी ₹266 में मिल रही है,
और डीएपी (Di-Ammonium Phosphate) ₹1,350 में,
जो सरकार की भारी सब्सिडी का परिणाम है।
इसके अलावा, कृषि यंत्रों पर जीएसटी में कटौती कर किसानों के लिए मशीनरी खरीदना और आसान बना दिया गया है।

एमएसपी और किसान सशक्तिकरण योजनाओं में बढ़ोतरी
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है:
गेहूं – ₹160 प्रति क्विंटल
चना – ₹200+ प्रति क्विंटल
मसूर – ₹300 प्रति क्विंटल
सरसों – ₹250 प्रति क्विंटल
कुसुम – ₹600 प्रति क्विंटल
साथ ही, किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक ₹3.90 लाख करोड़ की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई जा चुकी है।
वित्तीय समृद्धि और बीमा सुरक्षा
सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के माध्यम से 2024–25 में ही ₹10 लाख करोड़ से अधिक के ऋण जारी किए हैं, जिन पर ₹1.62 लाख करोड़ की ब्याज सब्सिडी दी गई है।
वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को अब तक ₹1.83 लाख करोड़ से अधिक का मुआवजा दिया जा चुका है।
FPOs की सफलता: किसानों से उद्यमी बनने की दिशा में
आज देशभर में 52 लाख किसान एफपीओ (Farmer Producer Organisations) के सदस्य बन चुके हैं।
इनमें से 1,100 एफपीओ करोड़पति संगठन बन चुके हैं जिनका कुल कारोबार ₹15,000 करोड़ से अधिक है।
सरकार इन संगठनों को ब्रांडिंग, मार्केटिंग और नवाचार सहायता प्रदान कर रही है ताकि किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि सफल उद्यमी बनें।

‘विकसित भारत’ की ओर स्वदेशी संकल्प
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत कृषि क्षेत्र में वैश्विक मानकों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा —
“प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व ही वह शक्ति है जो आत्मनिर्भरता और ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार कर रहा है। यह योजना किसान की समृद्धि पर आधारित भारत निर्माण का प्रतीक है।”
यह योजना: ग्रामीण भारत की नई आशा
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ आने वाले समय में गांव, किसान और खेत — तीनों को नई ताकत देने वाली साबित होगी।
यह भारत के खेतों में तकनीक, नवाचार और आत्मनिर्भरता का बीज बो रही है —
जो हर किसान को सशक्त, हर गांव को समृद्ध, और हर भारतवासी को गर्व से भर देगा।